Retirement Planning: 50 साल की उम्र में ऐसे लें रिटायरमेंट, सिर्फ 15 हजार से होगी शुरुआत, जानिए कैसे काम करता है FIRE मॉडल
फायर मॉडल की शुरुआत 1992 में विकी रॉबिन और जो डोमिंग्वेज की किताब योर मनी ऑर योर लाइफ से हुई थी. FIRE मॉडल के तहत आप अपनी रिटायरमेंट की उम्र खुद तय कर सकते हैं. हालांकि, अगर आप इस मॉडल को अपनाते हैं तो एक खास रणनीति बनानी होगी और अपनी सैलरी का 70 फीसदी तक सेविंग्स में डालना पड़ सकता है.
रिटायरमेंट की प्लानिंग (Retirement Planning) तो हर कोई करता है, लेकिन बहुत ही गिने-चुने लोग होते हैं जो अर्ली रिटायरमेंट प्लान करते हैं. अर्ली रिटायरमेंट (Early Retirement) यानी 60 साल की उम्र से भी पहले रिटायर हो जाना. इसके लिए आपको अपनी नौकरी के दौरान कुछ ज्यादा ही निवेश करना होता है, जिससे तगड़ा रिटायरमेंट कॉर्पस जमा हो सके. जल्दी रिटायर होने के लिए आपको जल्दी निवेश शुरू करना होगा और जरूरत से ज्यादा निवेश करना होगा, तभी आप जल्दी रिटायर हो सकते हैं. अगर आप भी जल्दी रिटायर होने चाहते हैं तो आपको FIRE (Financial Independence, Retire Early) मॉडल के तहत रिटायरमेंट प्लानिंग करनी चाहिए.
फायर मॉडल की शुरुआत 1992 में विकी रॉबिन और जो डोमिंग्वेज की किताब योर मनी ऑर योर लाइफ से हुई थी. FIRE मॉडल के तहत आप अपनी रिटायरमेंट की उम्र खुद तय कर सकते हैं. हालांकि, अगर आप इस मॉडल को अपनाते हैं तो एक खास रणनीति बनानी होगी और अपनी सैलरी का 70 फीसदी तक सेविंग्स में डालना पड़ सकता है. इस मॉडल का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि इसमें आपको खुल के मौज मस्ती से जिंदगी जीने को नहीं मिल पाती है, क्योंकि आप अधिक से अधिक पैसे निवेश करते हैं और जल्दी रिटायर होते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में.
कैलकुलेट करें अपना FIRE नंबर
FIRE नंबर पता करने का मतलब है कि आप किस उम्र में रिटायर होना चाहते हैं. इसके लिए आपको अपनी सैलरी, अपने खर्च, अपनी लाइफ स्टाइल और रिटायरमें के बाद की लाइफस्टाइल को ध्यान में रखते हुए कैलकुलेशन करनी होगी. अगर आप खुद से कैलकुलेशन नहीं कर पा रहे हैं तो आप किसी फाइनेंशियल प्लानर की मदद भी ले सकते हैं.
सेविंग बढ़ाएं और खर्चे घटाएं
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इस मॉडल के तहत सबसे जरूरी होता है कि सेविंग्स अधिक से अधिक हों. इसके तहत आपको अपने खर्चों पर ना सिर्फ लगाम लगानी होगी, बल्कि उन्हें घटाने की कोशिश करनी होगी. आप जितना ज्यादा निवेश करेंगे, आपको उतनी ही जल्दी रिटायर होने में मदद मिलेगी और रिटायरमेंट पर पेंशन भी अधिक बन सकेगी.
इनकम बढ़ाने पर करें फोकस
अगर आप तगड़ी सैलरी वाली नौकरी करते हैं तब तो ठीक है, वरना आपको अपनी सैलरी भी बढ़ाने पर फोकस करना होगा. आपको तगड़ी सैलरी देने वाली नौकरी की तलाश करनी होगी. अगर आपको ज्यादा सैलरी वाली नौकरी नहीं मिल पा रही है तो कोशिश करनी होगी कि आप कुछ पार्टटाइम या फ्रीलांसिंग का काम भी करें, जिससे कुछ अतिरिक्त इनकम हो सके. इस अतिरिक्त इनकम से आपको ये फायदा होगा कि आप अधिक से अधिक पैसों को इन्वेस्ट कर सकेंगे.
कहां करें पैसों को निवेश?
पैसे निवेश करते वक्त आपको कुछ हद तक रिस्क भी लेना होगा. कोशिश करें कि अपना निवेश कई तरह के टूल्स में करें. जैसे अपने निवेश का करीब आधा हिस्सा तो आप शेयर बाजार में या म्यूचुअल फंड में लगा सकते हैं. वहीं कुछ हिस्से से रेंट वाली कोई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं, जिससे सालों साल पैसा आता रहे. जमीन खरीद कर भी आप उस पर तगड़ा रिटर्न पा सकते हैं. वहीं पीपीएफ जैसे टूल्स में भी कुछ पैसे लगा सकते हैं. इन टूल्स में सिर्फ पीपीएफ पर ही आपको फिक्स रिटर्न मिलता है, बाकी पर रिटर्न फिक्स नहीं है तो आप ये तय नहीं कर सकते कि कहां से आपको कितना रिटर्न मिलेगा. अपने निवेश को लगातार ट्रैक भी करते रहें और जब भी जरूरत पड़े तो अपने पोर्टफोलियो में तुरंत बदलाव करें.
एक उदाहरण से समझें
सबसे पहले कुछ मानक मान लेते हैं. मान लीजिए अभी आपकी उम्र 25 साल है और सैलरी करीब 40 हजार रुपये है और आप बहुत ही साधारण जिंदगी जीते हैं. मान लेते हैं कि आप हर महीने रेंट, राशन, ट्रैवल, एंटरटेनमेंट, हेल्थ इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस आदि पर 25 हजार रुपये खर्च करते हैं.
अगर आप थोड़ा रिस्क लेते हुए पैसे निवेश करते हैं तो म्यूचुअल फंड से आपको औसतन करीब 12 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है. वहीं अगर आप पीपीएफ में निवेश करते हैं और मान लेते हैं ब्याज दरें नहीं बदलेंगी तो उससे आपको करीब 7.1 फीसदी का रिटर्न मिलेगा. उम्मीद है कि प्रॉपर्टी में निवेश से भी आपको लंबी अवधि में औसतन 12 फीसदी का रिटर्न मिल ही जाएगा. ऐसे में अलग-अलग जगह निवेश कर के आप औसतन 10 फीसदी का रिटर्न पा लेंगे.
हर साल 10 फीसदी बढ़ाते जाएं सेविंग अमाउंट
अब मान लेते हैं कि आप अपनी कुल बचत का 50 फीसदी म्यूचुअल फंड में लगाते हैं और 25-25 फीसदी पीपीएफ और प्रॉपर्टी में लगाते हैं. यहां सवाल ये है कि आखिर कितने पैसे निवेश करें? कितने पैसे निवेश करें ये पता करने के लिए यह जानना होगा कि आपको रिटायरमेंट पर कितने रुपयों की जरूरत होगी. मान लेते हैं कि आपकी सैलरी लंबी अवधि में औसतन 10 फीसदी सालाना की दर से बढ़ती जाएगी. ऐसे में आपके खर्चे तो हर साल बढ़ेंगे ही आपको अपनी सेविंग भी 10 फीसदी बढ़ानी होगी.
50 साल की उम्र में कैसे हों रिटायर
अगर आप 50 साल की उम्र में रिटायर होने चाहते हैं और अभी आपका खर्चा 25 हजार रुपये है तो आपको उस वक्त करीब 80 हजार रुपये की जरूरत होगी, यानी आपको अपना कॉर्पस करीब 2 करोड़ रुपये का बनाना होगा. इसके लिए आपको हर महीने करीब 6 हजार रुपये निवेश करने होंगे और उसे हर साल 10 फीसदी से बढ़ाना होगा. इस तरह आपके पास 50 साल की उम्र में करीब 2 करोड़ रुपये का कॉर्पस जमा हो जाएगा.
यहां एक बात ध्यान रखने की है कि आप जल्दी रिटायर हो रहे हैं तो आपको 50-60 यानी अतिरिक्त 10 सालों के बारे में सोचना होगा. ऐसे में अगर आप 50 साल के हिसाब से रिटायरमेंट प्लान कर रहे हैं तो आपको आगे के 10 सालों को भी ध्यान में रखना होगा. हर साल 10 फीसदी की बढ़त के साथ 50 साल की उम्र में आपकी मंथली सेविंग करीब 65 हजार रुपये हो जाएगी. अगर मान लेते हैं कि आपको उस 10 साल के लिए 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ निवेश जितनी रकम चाहिए तो यह करीब 2 करोड़ रुपये आती है. यानी आपको 50 साल की उम्र तक कुछ ऐसे निवेश करना है कि कुल 4-5 करोड़ रुपये का कॉर्पस बन जाए.
इस तरह आपको हर साल 10 फीसदी बढ़ाते हुए करीब 15,000 रुपये से निवेश की शुरुआत करनी होगी और 50 साल की उम्र में आपके पास 5 करोड़ रुपये का कॉर्पस जमा हो जाएगा. अगर आपने 60 साल के हिसाब से निवेश किया है तो आपको उस वक्त हर महीने करीब 1 लाख रुपये की जरूरत होगी.
07:07 PM IST